कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के गरीब मजदूरों के लिए १००० बसें उपलब्ध करवाने वाले मामले में एक ट्वीट करके अपनी ही पार्टी के खिलाफ स्टैंड लेने वाली उत्तर प्रदेश के रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करके उनके जबाब-तलबी की गयी है।
यूपी के दिल्ली और आसपास इलाके में फंसे मजदूरों के लिए प्रियंका गांधी ने इन बसों का इंतजाम किया था। हालांकि, यूपी सरकार ने इन्हें अंतिम समय तक रोके रखा, जिससे यह बसें बिना मजदूरों को उनके घर लाए, वापस भेजनी पड़ी थीं। यह भी आरोप भाजपा ने लगाया था कि कांग्रेस ने जो नंबर दिए हैं, इनमें १००० में से आधी ही बसें हैं, बाकी नंबर ऑटो, स्कूटर आदि के हैं, या कबाड़ बसें हैं।
बाद में इसे लेकर प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया और यह कि चाहे भाजपा के झंडे लगा लो, बसों को गरीबों को घर छोड़ने के लिए जाने दो। इसी दौरान कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने मजदूरों के लिए भेजी गयी इन बसों को लेकर एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा कि ‘यदि बसें हैं तो राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाईं?” उन्होंने अपनी ही पार्टी को कहा कि कोरोना के इस संकट की घड़ी में निम्न दर्जे की सियासत नहीं की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने सीएम योगी की भी तारीफ़ की थी।
यहाँ यह बताना भी दिलचस्प है कि अदिति सिंह को गांधी परिवार का बहुत नजदीकी माना जाता है। जाहिर है ऐसे में उनके ट्वीट से पार्टी में नाराजगी पैदा हुई है। अदिति, जो महिला कांग्रेस की महासचिव भी हैं, को पार्टी से निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। वह पार्टी और पार्टी के महिला विंग के पदाधिकारी पद से भी निलंबित रहेंगी।
हम अदिति को कांग्रेस का विधायक नहीं मानते
कांग्रेस के रायबरेली जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी का कहना है कि सदर विधायक अदिति सिंह को पहले ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जा चुका है। हमारी पार्टी उन्हें कांग्रेस का विधायक ही नहीं मानती। उन्होंने पार्टी का कहना ना मानकर हमेशा पार्टी लाइन से हटकर काम किया, जो कि गलत है।
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