देश में चौथी बार लॉकडाउन का विस्तार 31 मई तक किया जा चुका है, लेकिन कई तरह की छूट दी गई हैं। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या एक लाख के पार हो चुकी है। लेकिन इस बीच, इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि अगर किसी निजी या सरकारी संस्थान में कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति पाया जाता है तो क्या उस दफ्तर को सील कर दिया जाएगा। अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने दफ्तरों और सभी तरह के कार्यस्थलों में कैसे काम होगा? किन-किन बातों का ध्यान रखना है? क्या करना है और क्या नहीं? इसके लिए नए सिरे से विस्तार से जानकारी दी है। इस गाइडलाइन के अहम बिंदुओं को ऐसे समझ सकते हैं।
दफ्तरों में लोगों के बीच एक मीटर की दूरी रखना जरूरी होगा। चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो अगर स्टाफ के किसी भी व्यक्ति को फ्लू जैसे लक्षण हैं तो उसे दफ्तर न बुलाएं और स्थानीय प्रशासन से सलाह लें।
अगर ऐसा कोई स्टाफ कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे तुरंत अपने दफ्तर को सूचित करना होगा।
सभी को अपने स्वास्थ्य की निगरानी स्वयं करनी होगी। सेहत में जरा भी गड़बड़ दिखने पर संस्थान को बताना होगा।
अगर एक ही दफ्तर में काम करने वाले किसी व्यक्ति में कोरोना जैसे लक्षण नजर आते हैं तो उसे वर्क प्लेस पर किसी एक कमरे में दूसरों से आइसोलेट कर दें और तुरंत डॉक्टर को जांच के लिए बुलाएं।
इसके बाद जिला स्तर की टीम हालात पर गौर करेगी। जोखिम के हिसाब से वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों और संस्थान को डिसइन्फेक्ट करने की सलाह देगी।
अगर किसी मरीज के संपर्क में आ चुके लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है तो उस वर्क प्लेस के कोरोना का क्लस्टर बनने की आशंका रहेगी। वहां 15 से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में संपर्क में आए लोगों का रिस्क असेसमेंट होगा। उन्हें आइसोलेट करना होगा या क्वारंटाइन करना होगा।
अगर एक या दो मामले सामने आए हैं तो मरीज 48 घंटे में जहां-जहां गया होगा, उन जगहों को डिसइन्फेक्ट किया जाएगा।
ऐसे मामले में पूरा दफ्तर बंद करना जरूरी नहीं होगा। दफ्तर डिसइन्फेक्ट होने के बाद वहां पर दोबारा काम शुरू किया जा सकेगा।
अगर किसी दफ्तर में ज्यादा मामले सामने आए हैं तो पूरी इमारत को दो दिन के लिए बंद करना होगा।
इमारत को बारीकी से डिसइन्फेक्ट किया जाएगा। जब बिल्डिंग को दोबारा काम करने वाली स्थिति के तौर पर घोषित नहीं किया जाता, तब तक सभी स्टाफ को घर से काम करेगा।
काम करने वाले को एक निश्चित अंतराल के बाथ हाथ साफ करते रहना होगा। अगर गंदे हों तो 40 से 60 सेकंड तक धुलने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कम से कम 20 सेकंड तक अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का प्रयोग हर कार्यालय में करना होगा। खांसते-छींकने वक्त रूमाल या कपड़े का इस्तेमाल करें।
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