मध्यप्रदेश के ग्वालियर में इस साल के शुरू में भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के 'मिसिंग' पोस्टर लगाए गए। पोस्टर में "तलाश गमशुदा जन सेवक की" (लापता लोक सेवक की तलाश) लिखा गया है। पोस्टर में भाजपा नेता को ढूंढने वालों को 5,000 रुपये नकद इनाम देने की भी घोषणा की गई है। मार्च में सिंधिया कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। बाद में, 22 कांग्रेस विधायकों ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए भाजपा में शामिल होकर, कांग्रेस से अपना इस्तीफा दे दिया।
खबर है कि पोस्टर लगाने की खबर लगते ही सिंधिया समर्थक बीजेपी नेता नदी और महल गेट पहुंचे और यहा लगे पोस्टर फाड़ कर फेंक दिए। इसके बाद सिंधिया समर्थक बीजेपी जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी के साथ झांसी रोड थाने पहुंचे। समर्थकों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया और पोस्टर लगाने के वायरल हुए वीडियो के आधार पर धारा 144 के उल्लंघ का मामला दर्ज कर लिया। बता दें कि कांग्रेस से बगावत कर सिंधिया और उनके समर्थक 22 विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन की और कमलनाथ सरकार गिर गई। अब प्रदेश में कुल 24 सीटों पर उपचुनाव होना है।
यह विधानसभा उपचुनाव राज्य की सियासत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी के पास बहुमत के लिए 116 विधायकों का होना जरूरी है और इस समय भाजपा के पास 107 ही विधायक हैं। इसलिए इस उपचुनाव में भाजपा के लिए कम से कम 9 सीटें जीतनी जरूरी है। कांग्रेस अब तक यही मानकर चल रही थी कि इन सभी 24 स्थानों पर उसका भाजपा से सीधा मुकाबला होगा और दलबदल करने वाले उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। इस स्थिति का लाभ कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिल सकेगा।
खबर है कि पोस्टर लगाने की खबर लगते ही सिंधिया समर्थक बीजेपी नेता नदी और महल गेट पहुंचे और यहा लगे पोस्टर फाड़ कर फेंक दिए। इसके बाद सिंधिया समर्थक बीजेपी जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी के साथ झांसी रोड थाने पहुंचे। समर्थकों की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया और पोस्टर लगाने के वायरल हुए वीडियो के आधार पर धारा 144 के उल्लंघ का मामला दर्ज कर लिया। बता दें कि कांग्रेस से बगावत कर सिंधिया और उनके समर्थक 22 विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन की और कमलनाथ सरकार गिर गई। अब प्रदेश में कुल 24 सीटों पर उपचुनाव होना है।
यह विधानसभा उपचुनाव राज्य की सियासत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी के पास बहुमत के लिए 116 विधायकों का होना जरूरी है और इस समय भाजपा के पास 107 ही विधायक हैं। इसलिए इस उपचुनाव में भाजपा के लिए कम से कम 9 सीटें जीतनी जरूरी है। कांग्रेस अब तक यही मानकर चल रही थी कि इन सभी 24 स्थानों पर उसका भाजपा से सीधा मुकाबला होगा और दलबदल करने वाले उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। इस स्थिति का लाभ कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिल सकेगा।
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