
लखनऊ । कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई ने रविवार को यहां कहा कि राज्य सरकार का एक करोड़ से अधिक रोजगार देने का दावा झूठा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मीडिया से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा 1.25 करोड़ नौकरियां प्रदान करने का दावा 'सीधे-सीधे धोखा' है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे कर भाजपा सरकार लोगों को धोखा दे रही है।
लल्लू ने कहा, "भाजपा ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में बेरोजगारी 45 साल की ऊंचाई पर है। रोजगार की मांग करने वाले बेरोजगार युवाओं पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।"
उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी भर्ती प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी नहीं हुई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार पीढ़ियों से पारंपरिक व्यवसायों में लगे लोगों को रोजगार देने का श्रेय ले रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी ने आर्थिक तबाही मचाई है। उन्होंने कहा, "सभी प्रमुख स्वदेशी उद्योग, जैसे कांच के बने पदार्थ, पीतल के बर्तन, कालीन, बुनाई, फर्नीचर, चमड़े, होजरी, डेयरी, मिट्टी के बर्तनों और मत्स्य पालन फार्म पर इसकी मार पड़ी है। लाखों बुनकर दयनीय स्थिति में हैं। उनके लिए कोई सरकारी मदद नहीं है।"
लल्लू ने कहा कि वित्तीय कारणों से लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
एक घटना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक प्रवासी मजदूर, जो सूरत से बांदा जिले में अपने गांव लौट आया था, ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। वह सूरत में एक साड़ी प्रिंटिंग कंपनी में काम करता था और 20 दिन पहले अपने गांव लौटा था।
--आईएएनएस
लल्लू ने कहा, "भाजपा ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में बेरोजगारी 45 साल की ऊंचाई पर है। रोजगार की मांग करने वाले बेरोजगार युवाओं पर लाठियां बरसाई जा रही हैं।"
उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी भर्ती प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी नहीं हुई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य सरकार पीढ़ियों से पारंपरिक व्यवसायों में लगे लोगों को रोजगार देने का श्रेय ले रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी ने आर्थिक तबाही मचाई है। उन्होंने कहा, "सभी प्रमुख स्वदेशी उद्योग, जैसे कांच के बने पदार्थ, पीतल के बर्तन, कालीन, बुनाई, फर्नीचर, चमड़े, होजरी, डेयरी, मिट्टी के बर्तनों और मत्स्य पालन फार्म पर इसकी मार पड़ी है। लाखों बुनकर दयनीय स्थिति में हैं। उनके लिए कोई सरकारी मदद नहीं है।"
लल्लू ने कहा कि वित्तीय कारणों से लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
एक घटना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक प्रवासी मजदूर, जो सूरत से बांदा जिले में अपने गांव लौट आया था, ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। वह सूरत में एक साड़ी प्रिंटिंग कंपनी में काम करता था और 20 दिन पहले अपने गांव लौटा था।
--आईएएनएस
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