
नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी स्थित लोक नायक जय प्रकाश हॉस्पिटल (एलएनजेपी) में उपेक्षित रूपसे पड़े शवों की तस्वीर वाले वायरल वीडियो के मामले में दिल्ली के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और अस्पताल के निदेशक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में अवमानना आचिका दायर की गई है। वीडियो में अस्पताल की बदइंतजामी और शवों के बीच मरीजों का इलाज चलता दिखाया गया है।
अधिवक्ता अवध कौशिक द्वारा दायर याचिका में अदालत से जवाबदेह लोगों को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाकर अदालत की अवमाननना करने के सबंध में स्पष्टीकरण दे सकें।
याचिकाकर्ता ने हवाला दिया कि अधिकारियों का दावा है कि अदालत के आदेशों का पालन किया जा रहा है, मगर अस्पताल के वीडियो एक अलग ही तस्वीर दिखाते हैं।
याचिका में कहा गया है, वीडियो बिल्कुल चौंकाने वाले, परेशान करने वाले और शर्मनाक हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि नग्न शव और/या बेहोश मरीज उसी बेड के नीचे वाडरें के फर्श पर पड़े हुए हैं, जहां कोविड-19 के गंभीर मरीज बैठे हैं।
इसमें कहा गया है, वीडियो अधिक दर्दनाक हैं, क्योंकि इससे पता चलता है कि ऐसे वाडरें में एक भी डॉक्टर या पैरा मेडिकल स्टाफ या एक अर्दली या वार्ड बॉय तक उपलब्ध नहीं है। एलएनजेपी अस्पताल के कई वाडरें में यही स्थिति है।
याचिकाकर्ता ने वर्तमान स्थिति का आकलन करने और अदालत को रिपोर्ट देने के लिए एलएनजेपी अस्पताल और अन्य अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए डॉक्टरों और अधिवक्ताओं या किसी अन्य प्राधिकरण सहित विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के लिए अदालत के निर्देश की भी मांग की है।
अधिवक्ता अवध कौशिक द्वारा दायर याचिका में अदालत से जवाबदेह लोगों को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश देने की मांग की गई है, ताकि वे अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाकर अदालत की अवमाननना करने के सबंध में स्पष्टीकरण दे सकें।
याचिकाकर्ता ने हवाला दिया कि अधिकारियों का दावा है कि अदालत के आदेशों का पालन किया जा रहा है, मगर अस्पताल के वीडियो एक अलग ही तस्वीर दिखाते हैं।
याचिका में कहा गया है, वीडियो बिल्कुल चौंकाने वाले, परेशान करने वाले और शर्मनाक हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि नग्न शव और/या बेहोश मरीज उसी बेड के नीचे वाडरें के फर्श पर पड़े हुए हैं, जहां कोविड-19 के गंभीर मरीज बैठे हैं।
इसमें कहा गया है, वीडियो अधिक दर्दनाक हैं, क्योंकि इससे पता चलता है कि ऐसे वाडरें में एक भी डॉक्टर या पैरा मेडिकल स्टाफ या एक अर्दली या वार्ड बॉय तक उपलब्ध नहीं है। एलएनजेपी अस्पताल के कई वाडरें में यही स्थिति है।
याचिकाकर्ता ने वर्तमान स्थिति का आकलन करने और अदालत को रिपोर्ट देने के लिए एलएनजेपी अस्पताल और अन्य अस्पतालों का निरीक्षण करने के लिए डॉक्टरों और अधिवक्ताओं या किसी अन्य प्राधिकरण सहित विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के लिए अदालत के निर्देश की भी मांग की है।
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