
जयपुर । राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में सियासी घमासान अब एसओजी जांच तक जा पहुंचा है। राज्यसभा चुनाव को लेकर विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जांच तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव जानबूझकर टाले गए है। और देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 जून राज्यसभा के लिए चुनाव है ये चुनाव दो महीने पहले हो सकते थे, इसके लिए तैयारी हो गई थी उसके बावजूद भी अचानक ही चुनाव को बिना किसी कारण के स्थगित कर दिया गया। उस वक्त भी मैंने कहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई बीजेपी की, इस कारण से चुनाव स्थगित किया गया। गुजरात के हमारे साथी यहां आकर बैठे हुए थे, कोई कारण नहीं था और वही सामने आ गया जब अब वापस चुनाव शुरु हुए हैं तो चार लोग वहां पर इस्तीफा दे चुके हैं गुजरात के अंदर। तो अभी जो सुरजेवाला जी बता रहे थे आपको, किस प्रकार डेमोक्रेसी की हत्या हो रही है देश के अंदर नरेंद्र मोदी हों चाहे अमित शाह हों। पूरा देश जानता है दो लोग फैसले कर रहे हैं पूरे देश के अंदर जो कि डेमोक्रेसी में अच्छी परंपरा नहीं है। रणदीप सुरजेवाला ठीक कह रहे थे कि कौन दर्द बांट रहा है, कौन दवा बांट रहा है, यह फैसला करना पड़ेगा, उनको चिंता ही नहीं है कोरोना की। कोरोना की शुरुआत हो चुकी थी, राहुल गांधी ने 12 फरवरी को आगाह कर दिया था उसके बावजूद भी सरकार बदली गई मध्यप्रदेश के अंदर, उसके पहले तमाशा कर चुके थे कर्नाटक के अंदर। जो षड्यंत्र करते हैं उनको बहुत टाइम लगाना पड़ता है, योजना बनानी पड़ती है। उसके अंदर लगे रहेंगे तो वो कोरोना का मुकाबला कैसे करते? लगे रहे कैसे सरकार टॉपल करने में पूरी ताकत झोंक दो। पूरी ताकत झोंकी गई, तमाशा सभी ने देखा, वो आपके सामने है। ये हालात में आज देश चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 19 जून राज्यसभा के लिए चुनाव है ये चुनाव दो महीने पहले हो सकते थे, इसके लिए तैयारी हो गई थी उसके बावजूद भी अचानक ही चुनाव को बिना किसी कारण के स्थगित कर दिया गया। उस वक्त भी मैंने कहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई बीजेपी की, इस कारण से चुनाव स्थगित किया गया। गुजरात के हमारे साथी यहां आकर बैठे हुए थे, कोई कारण नहीं था और वही सामने आ गया जब अब वापस चुनाव शुरु हुए हैं तो चार लोग वहां पर इस्तीफा दे चुके हैं गुजरात के अंदर। तो अभी जो सुरजेवाला जी बता रहे थे आपको, किस प्रकार डेमोक्रेसी की हत्या हो रही है देश के अंदर नरेंद्र मोदी हों चाहे अमित शाह हों। पूरा देश जानता है दो लोग फैसले कर रहे हैं पूरे देश के अंदर जो कि डेमोक्रेसी में अच्छी परंपरा नहीं है। रणदीप सुरजेवाला ठीक कह रहे थे कि कौन दर्द बांट रहा है, कौन दवा बांट रहा है, यह फैसला करना पड़ेगा, उनको चिंता ही नहीं है कोरोना की। कोरोना की शुरुआत हो चुकी थी, राहुल गांधी ने 12 फरवरी को आगाह कर दिया था उसके बावजूद भी सरकार बदली गई मध्यप्रदेश के अंदर, उसके पहले तमाशा कर चुके थे कर्नाटक के अंदर। जो षड्यंत्र करते हैं उनको बहुत टाइम लगाना पड़ता है, योजना बनानी पड़ती है। उसके अंदर लगे रहेंगे तो वो कोरोना का मुकाबला कैसे करते? लगे रहे कैसे सरकार टॉपल करने में पूरी ताकत झोंक दो। पूरी ताकत झोंकी गई, तमाशा सभी ने देखा, वो आपके सामने है। ये हालात में आज देश चल रहा है।
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