
अलीगढ़ । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के फैसले को लेकर कई समस्याएं पैदा हो रही हैं। एक प्रोफेसर द्वारा फैसले के खिलाफ खुलकर सामने आने के बाद, हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने अपने गृह जिलों में लौटने को लेकर कनेक्टिविटी की समस्या का हवाला देकर हॉस्टल खाली करने से इनकार कर दिया है। वर्तमान में छात्रावास में लगभग 800 छात्र रहते हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें गर्मी की छुट्टी और कोरोना की स्थिति को देखते हुए 15 जून तक अपना छात्रावास खाली करने के लिए कहा था।
छात्रों ने दावा किया है कि उन्होंने अधिकारियों को वर्तमान परिस्थितियों में हॉस्टल छोड़ने में असमर्थता के बारे में लिखित में सूचना दी थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
एक छात्र अरशद ने कहा, "मैं पश्चिम बंगाल में रहता हूं और वहां अम्फान के कारण अभी सही इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है। अगर मैं वापस जाता हूं तो मैं शायद परीक्षा नहीं दे पाऊंगा या कनेक्टेड नहीं रह पाऊंगा।"
उन्होंने कहा कि कश्मीर के छात्रों के साथ भी ऐसी ही समस्या है।
बता दें कि एएमयू ने 10 जुलाई के बाद ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है।
एएमयू प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा, "किसी भी छात्र को हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा था। यह सिर्फ एक सलाह थी।"
--आईएएनएस
छात्रों ने दावा किया है कि उन्होंने अधिकारियों को वर्तमान परिस्थितियों में हॉस्टल छोड़ने में असमर्थता के बारे में लिखित में सूचना दी थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
एक छात्र अरशद ने कहा, "मैं पश्चिम बंगाल में रहता हूं और वहां अम्फान के कारण अभी सही इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है। अगर मैं वापस जाता हूं तो मैं शायद परीक्षा नहीं दे पाऊंगा या कनेक्टेड नहीं रह पाऊंगा।"
उन्होंने कहा कि कश्मीर के छात्रों के साथ भी ऐसी ही समस्या है।
बता दें कि एएमयू ने 10 जुलाई के बाद ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है।
एएमयू प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने कहा, "किसी भी छात्र को हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा था। यह सिर्फ एक सलाह थी।"
--आईएएनएस
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