
उत्तरप्रदेश के संभल जिले में सरकारी सिस्टम की लापरवाही से जिला अस्पताल से एक बुजुर्ग महिला की लाश को परिवार वालों को ठेले पर रखकर घर ले जाना पड़ा। ऐसा भी नहीं कि अस्पताल के कर्ता-धर्ताओं को इसका पता न हो। कोरोना की आशंका से बुजुर्ग महिला को ‘ब्राट डेड? बताने वाले अस्पताल में ट्रू नेट से उसका उसका परीक्षण भी कराया गया।
इसके बाद भी महिला के शव को घर ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। ठेले पर शव लेकर जाता देखकर कुछ लोगों ने इसकी वीडियो भी बना ली। इसकी वीडियो बहुत जल्द वायरल हो गई।
मजबूरन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने महिला का स्वास्थ्य परीक्षण किया और मृत घोषित कर दिया। साथ ही कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन से कोरोना की जांच कराई गई।
रिपोर्ट निगेटिव आने पर शव सुपुर्द कर दिया। महिला के मजबूर परिजन ठेले पर ही शव ढोते हुए घर ले गए। इस दौरान किसी राहगीर ने वीडियो बना ली। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
जिम्मेदार मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं। जिला अस्पताल की लापरवाही का वायरल हो रहा ये वीडियो शुक्रवार को दोपहर तीन बजे करीब का बताया जा रहा है। मामले की हकीकत जानने के लिए शव ढोने वाले परिजनों से संपर्क किया गया।
ठेले पर महिला को अस्पताल लेकर जाने वाले बरेली सराय निवासी प्रेमपाल ने बताया कि उनकी सास जानकी देवी बिलारी की रहने वाली थीं। ससुर की मौत हो गई थी तो उसके बाद से संभल में ही रह रही थीं। शुक्रवार को 11 बजे करीब हालत अचानक बिगड़ी थी।
किसी वाहन की व्यवस्था नहीं हुई तो ठेले पर ही अस्पताल ले गए थे। बताया कि निजी अस्पताल कोई बंद मिला तो किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया। सभी ने सरकारी अस्पताल लेकर जाने के लिए कहा। जब सरकारी अस्पताल पहुंचे तो वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
साथ ही कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन से कोरोना की जांच कराई। इसमें रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इसके बाद शव सुपुर्द कर दिया। अब सवाल उठता है कि कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन पर जांच कराई पर शव घर तक पहुंचाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई।
जिला अस्पताल से ठेले पर शव ले जाने की जानकारी नहीं है। पीड़ित परिवार ने शव वाहन की मांग की थी या नहीं इसकी जांच कराएंगे।
डा. एके गुप्ता, सीएमएस, संभल।
इसके बाद भी महिला के शव को घर ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। ठेले पर शव लेकर जाता देखकर कुछ लोगों ने इसकी वीडियो भी बना ली। इसकी वीडियो बहुत जल्द वायरल हो गई।
मजबूरन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने महिला का स्वास्थ्य परीक्षण किया और मृत घोषित कर दिया। साथ ही कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन से कोरोना की जांच कराई गई।
रिपोर्ट निगेटिव आने पर शव सुपुर्द कर दिया। महिला के मजबूर परिजन ठेले पर ही शव ढोते हुए घर ले गए। इस दौरान किसी राहगीर ने वीडियो बना ली। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
जिम्मेदार मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं। जिला अस्पताल की लापरवाही का वायरल हो रहा ये वीडियो शुक्रवार को दोपहर तीन बजे करीब का बताया जा रहा है। मामले की हकीकत जानने के लिए शव ढोने वाले परिजनों से संपर्क किया गया।
ठेले पर महिला को अस्पताल लेकर जाने वाले बरेली सराय निवासी प्रेमपाल ने बताया कि उनकी सास जानकी देवी बिलारी की रहने वाली थीं। ससुर की मौत हो गई थी तो उसके बाद से संभल में ही रह रही थीं। शुक्रवार को 11 बजे करीब हालत अचानक बिगड़ी थी।
किसी वाहन की व्यवस्था नहीं हुई तो ठेले पर ही अस्पताल ले गए थे। बताया कि निजी अस्पताल कोई बंद मिला तो किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया। सभी ने सरकारी अस्पताल लेकर जाने के लिए कहा। जब सरकारी अस्पताल पहुंचे तो वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
साथ ही कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन से कोरोना की जांच कराई। इसमें रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इसके बाद शव सुपुर्द कर दिया। अब सवाल उठता है कि कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन पर जांच कराई पर शव घर तक पहुंचाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई।
जिला अस्पताल से ठेले पर शव ले जाने की जानकारी नहीं है। पीड़ित परिवार ने शव वाहन की मांग की थी या नहीं इसकी जांच कराएंगे।
डा. एके गुप्ता, सीएमएस, संभल।
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