भोपाल/इंदौर । मध्यप्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर लगाए गए आरोपों को संगठन ने गंभीरता से लिया है और शेखावत को तलब भी किया है। इंदौर में शेखावत ने शनिवार को विजयवर्गीय पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले के तूल पकड़ने पर संगठन हरकत में आया है।
प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने संकेत दिए हैं कि शेखावत पर कार्रवाई हो सकती है। संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए शर्मा ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कहा कि विजयवर्गीय पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं और उन्हें मालवा के पांच विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। जहां तक बदनावर की बात है, तो राजेश अग्रवाल ने पार्टी में वापस आने की इच्छा जताई थी और संगठन की सहमति से ही उन्हें पार्टी में वापस लिया गया है। जो भी निर्णय हुए हैं, वे संगठन की सहमति से हुए हैं।
शर्मा ने आगे कहा कि भंवर सिंह शेखावत ने जिन मुद्दों को उठाया है, उस पर बात करने के लिए उन्हें बुलाया है, उसके बाद आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा।
शेखावत ने विजयवर्गीय पर गंभीर आरेाप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि विजयवर्गीय अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहे हैं। जिन लोगों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया, पार्टी आज उसके साथ है। "पिछले चुनाव में मेरे खिलाफ बतौर निर्दलीय राजेश अग्रवाल को लड़ाया, उसे पैसे दिए। जिसने हराने का काम किया, अब उसे पार्टी की सदस्यता दिला दी। इतना ही नहीं उसे केबिनेट मंत्री तक बनाने की बात कही।"
शेखावत का तो यह तक आरोप था कि विजयवर्गीय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्येातिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को होने वाले उपचुनाव में हरवाकर बदला लेना चाहते हैं, क्योंकि एमपीसीए के चुनाव में सिंधिया ने तीन बार विजयवर्गीय को हराया है। बदनावर, हाटपिपल्या और सांवेर वे सीटें हैं जहां सिंधिया समर्थक भाजपा से चुनाव लड़ने वाले हैं।
शेखावत अपेक्स बैंक के चेयरमैन भी रहे हैं और उनकी गिनती केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबियों में होती है। वे पिछला चुनाव बदनावर से हारे थे। अब देखना हेागा कि शेखावत पर पार्टी क्या फैसला लेती है।
--आईएएनएस
प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने संकेत दिए हैं कि शेखावत पर कार्रवाई हो सकती है। संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए शर्मा ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कहा कि विजयवर्गीय पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं और उन्हें मालवा के पांच विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। जहां तक बदनावर की बात है, तो राजेश अग्रवाल ने पार्टी में वापस आने की इच्छा जताई थी और संगठन की सहमति से ही उन्हें पार्टी में वापस लिया गया है। जो भी निर्णय हुए हैं, वे संगठन की सहमति से हुए हैं।
शर्मा ने आगे कहा कि भंवर सिंह शेखावत ने जिन मुद्दों को उठाया है, उस पर बात करने के लिए उन्हें बुलाया है, उसके बाद आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा।
शेखावत ने विजयवर्गीय पर गंभीर आरेाप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि विजयवर्गीय अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर काम कर रहे हैं। जिन लोगों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया, पार्टी आज उसके साथ है। "पिछले चुनाव में मेरे खिलाफ बतौर निर्दलीय राजेश अग्रवाल को लड़ाया, उसे पैसे दिए। जिसने हराने का काम किया, अब उसे पार्टी की सदस्यता दिला दी। इतना ही नहीं उसे केबिनेट मंत्री तक बनाने की बात कही।"
शेखावत का तो यह तक आरोप था कि विजयवर्गीय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्येातिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को होने वाले उपचुनाव में हरवाकर बदला लेना चाहते हैं, क्योंकि एमपीसीए के चुनाव में सिंधिया ने तीन बार विजयवर्गीय को हराया है। बदनावर, हाटपिपल्या और सांवेर वे सीटें हैं जहां सिंधिया समर्थक भाजपा से चुनाव लड़ने वाले हैं।
शेखावत अपेक्स बैंक के चेयरमैन भी रहे हैं और उनकी गिनती केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबियों में होती है। वे पिछला चुनाव बदनावर से हारे थे। अब देखना हेागा कि शेखावत पर पार्टी क्या फैसला लेती है।
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