नई दिल्ली । टिड्डियों ने 60 साल बाद देश की राजधानी दिल्ली पर हमला बोला है। टिड्डियों के तीन झुंड दिल्ली-एनसीआर में शनिवार से मंडरा रहे हैं, जिसके बाद से स्थानीय प्रशासन ने इनसे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि राजस्थान के झुंझुनू में शुक्रवार की सुबह टिड्यिों का झुंड देखा गया, जिसे समाप्त करने के लिए नियंत्रण टीमों को तैनात किया गया था, लेकिन उनमें से बचे हुए टिड्डे फिर इकट्ठा होकर नये झुंड में हरियाणा स्थित रेवाड़ी पहुंच पहुंच गए। फिर तीन समूहों में विभाजित होकर एक झुंड गुरुग्राम की ओर चला गया, और वहां से फरीदाबाद और बाद में उत्तर प्रदेश की तरफ चला गया। वहीं, दूसरा झुंड दिल्ली के द्वारका की तरफ निकल गया, फिर वहां से दौलताबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद से होकर यह झुंड उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर गया। तीसरे दल को हरियाणा के पलवल में देखा गया जो उत्तर प्रदेश की ओर भी बढ़ गया।
इससे पहले वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय में पदस्थापित उपनिदेशक डॉ. के.एल. गुर्जर ने आईएएनएस को बताया कि टिड्डियां बीती रात पहली बार हरियाणा पहुंची हैं और दिल्ली के आसपास के इलाकों में इसका प्रकोप बना हुआ है।
दिल्ली पर धावा बोलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस समय टिड्डियां पलवल की तरफ बढ़ रही हैं और हवा के रुख के अनुसार ये गमन करती हैं, इसलिए दिल्ली की तरफ भी बढ़ सकती हैं।
पाकिस्तान के रास्ते देश की सीमा में घुसने वाले ये प्रवासी हमलावर कीट किसानों के शत्रु हैं क्योंकि ये खेतों में खड़ी हरी-भरी फसलों को चट कर जाती हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
दिल्ली में फसलों से ज्यादा राजधानी की हरियाली को नुकसान पहुंचाने की चिंता है। दिल्ली में 60 साल बाद पहली बार टिड्डियों के हमले हुए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे पहले 1960 में टिड्डी दल दिल्ली स्थित पूसा परिसर तक पहुंचा था। इस बार दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली में टिड्डियां पहुंची हैं। दिल्ली सरकार ने टिड्डियों के दलों के हमले को लेकर स्थानीय प्रशासान को अलर्ट कर दिया है और इसे भगाने व इस पर नियंत्रण के तरीके अपनाए जा रहे हैं।
उधर, केंद्र सरकार द्वारा तैनात टिड्डी नियंत्रण दल भी इस दिशा में मुस्तैद है। कृषि मंत्रालय ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा और यूपी के राज्य कृषि विभागों, स्थानीय प्रशासनों और केंद्रीय टिड्डी चेतावनी संगठन के अधिकारियों की टीमों द्वारा टिड्डियों के झुंडों के सभी समूहों पर नजर रखी जा रही है और नियंत्रण कार्य जारी है। राजस्थान से कुछ और नियंत्रण टीमों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में टिड्डी नियंत्रण कार्यों में मदद करने के लिए भेजा जा चुका है।
टिड्डियां दिन के समय उड़ती रहती हैं और शाम को अंधेरा होने के बाद ही छिपती हैं। ग्राउंड कंट्रोल टीमें लगातार उन पर नजर रख रही हैं और इनके छिपने के बाद बड़े नियंत्रण अभियान चलाएंगी। उत्तर प्रदेश के नियंत्रण दलों को इसके लिए सतर्क कर दिया गया है।
--आईएएनएस
इससे पहले वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय में पदस्थापित उपनिदेशक डॉ. के.एल. गुर्जर ने आईएएनएस को बताया कि टिड्डियां बीती रात पहली बार हरियाणा पहुंची हैं और दिल्ली के आसपास के इलाकों में इसका प्रकोप बना हुआ है।
दिल्ली पर धावा बोलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस समय टिड्डियां पलवल की तरफ बढ़ रही हैं और हवा के रुख के अनुसार ये गमन करती हैं, इसलिए दिल्ली की तरफ भी बढ़ सकती हैं।
पाकिस्तान के रास्ते देश की सीमा में घुसने वाले ये प्रवासी हमलावर कीट किसानों के शत्रु हैं क्योंकि ये खेतों में खड़ी हरी-भरी फसलों को चट कर जाती हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
दिल्ली में फसलों से ज्यादा राजधानी की हरियाली को नुकसान पहुंचाने की चिंता है। दिल्ली में 60 साल बाद पहली बार टिड्डियों के हमले हुए हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे पहले 1960 में टिड्डी दल दिल्ली स्थित पूसा परिसर तक पहुंचा था। इस बार दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली में टिड्डियां पहुंची हैं। दिल्ली सरकार ने टिड्डियों के दलों के हमले को लेकर स्थानीय प्रशासान को अलर्ट कर दिया है और इसे भगाने व इस पर नियंत्रण के तरीके अपनाए जा रहे हैं।
उधर, केंद्र सरकार द्वारा तैनात टिड्डी नियंत्रण दल भी इस दिशा में मुस्तैद है। कृषि मंत्रालय ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा और यूपी के राज्य कृषि विभागों, स्थानीय प्रशासनों और केंद्रीय टिड्डी चेतावनी संगठन के अधिकारियों की टीमों द्वारा टिड्डियों के झुंडों के सभी समूहों पर नजर रखी जा रही है और नियंत्रण कार्य जारी है। राजस्थान से कुछ और नियंत्रण टीमों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में टिड्डी नियंत्रण कार्यों में मदद करने के लिए भेजा जा चुका है।
टिड्डियां दिन के समय उड़ती रहती हैं और शाम को अंधेरा होने के बाद ही छिपती हैं। ग्राउंड कंट्रोल टीमें लगातार उन पर नजर रख रही हैं और इनके छिपने के बाद बड़े नियंत्रण अभियान चलाएंगी। उत्तर प्रदेश के नियंत्रण दलों को इसके लिए सतर्क कर दिया गया है।
--आईएएनएस
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