चक्रवाती तूफ़ान निसर्ग बुधवार दोपहर के बाद महाराष्ट्र से होता हुआ गुजर गया। इस दौरान मुंबई में नुक्सान की खबर है। कई जगह पेड़ जमीन से उखड़ गए, कई जगह पानी भर गया और हारों-मकानों की छतें उड़ गईं। मुंबई में बंद की उड़ानें अब शुरू हो जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान मुंबई में १२० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलीं। वहां अपने जगह पलट गए। मुंबई के साथ अलीबाग, पालघर और अन्य इलाक़ों में तेज बारिश हुई। अलीबाग इलाक़े में तूफान का लैंडफ़ॉल हुआ।
मुंबई में अभी तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। निसर्ग महाराष्ट्र से दिन में साढ़े १२ बजे से दोपहर ढाई बजे के बीच गुजरा और इसकी रफ़्तार ११०-१२० किलोमीटर प्रति घंटा थी।
निसर्ग के महाराष्ट्र से गुजरने के दौरान मुंबई में कई जगह पेड़ सड़कों के किनारे गिरे दिखे और वाहनों को काफी नुक़सान पहुंचा है। रायगढ़ जिले के कई इलाक़ों में मोबाइल नेटवर्क सेवा भी ठप्प रही।
निसर्ग का असर गुजरात में भी दिखा है जहाँ तेज हवाएं चलीं और समुद्र में ऊंची लहरें दिखाई दीं। एहतियात बरतते हुए मुंबई में १० हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ़्ट कर दिया गया था। पूरे मुंबई में धारा १४४ लगा दी गई थी।
इससे पहले बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने कहा कि लोग घरों के ही अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें। अपने मोबाइल फ़ोन और पॉवर बैंक को चार्ज कर लें और साथ में टॉर्च, इमरजेंसी लाइट्स और मोमबत्तियां भी साथ में रखें। इसके अलावा बिजली और गैस के स्विच ऑफ़ कर दें। बीएमसी ने कहा है कि लोग किसी भी तरह की अफ़वाह पर ध्यान न दें और शांत रहें।
एनडीआरएफ़ की ३० से ज़्यादा टीमों को महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाक़ों में तैनात किया गया। गुजरात में भी समुद्र से लगने वाले ४७ गांवों के २० हज़ार लोगों को खाली करा लिया गया। तट रक्षक जहाजों और विमानों को समुद्र के किनारे तैनात किया गया है।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान मुंबई में १२० किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलीं। वहां अपने जगह पलट गए। मुंबई के साथ अलीबाग, पालघर और अन्य इलाक़ों में तेज बारिश हुई। अलीबाग इलाक़े में तूफान का लैंडफ़ॉल हुआ।
मुंबई में अभी तेज बारिश की संभावना बनी हुई है। निसर्ग महाराष्ट्र से दिन में साढ़े १२ बजे से दोपहर ढाई बजे के बीच गुजरा और इसकी रफ़्तार ११०-१२० किलोमीटर प्रति घंटा थी।
निसर्ग के महाराष्ट्र से गुजरने के दौरान मुंबई में कई जगह पेड़ सड़कों के किनारे गिरे दिखे और वाहनों को काफी नुक़सान पहुंचा है। रायगढ़ जिले के कई इलाक़ों में मोबाइल नेटवर्क सेवा भी ठप्प रही।
निसर्ग का असर गुजरात में भी दिखा है जहाँ तेज हवाएं चलीं और समुद्र में ऊंची लहरें दिखाई दीं। एहतियात बरतते हुए मुंबई में १० हज़ार से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ़्ट कर दिया गया था। पूरे मुंबई में धारा १४४ लगा दी गई थी।
इससे पहले बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने कहा कि लोग घरों के ही अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें। अपने मोबाइल फ़ोन और पॉवर बैंक को चार्ज कर लें और साथ में टॉर्च, इमरजेंसी लाइट्स और मोमबत्तियां भी साथ में रखें। इसके अलावा बिजली और गैस के स्विच ऑफ़ कर दें। बीएमसी ने कहा है कि लोग किसी भी तरह की अफ़वाह पर ध्यान न दें और शांत रहें।
एनडीआरएफ़ की ३० से ज़्यादा टीमों को महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाक़ों में तैनात किया गया। गुजरात में भी समुद्र से लगने वाले ४७ गांवों के २० हज़ार लोगों को खाली करा लिया गया। तट रक्षक जहाजों और विमानों को समुद्र के किनारे तैनात किया गया है।
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