राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश अधिनियम 2020 को अनुमति दे दी है। बता दें कि हाल ही में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस कानून में संशोधन को अनुमति दी गई थी और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई कृषि उत्पादों को इस कानून के दायरे से बाहर कर दिया था।
बता दें कि आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव की कोशिशें कई साल से चल रही थीं। सरकार कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान इसमें संशोधन लाई है। इसके तहत अनाज, तेल, प्याज और आलू आदि को इस कानून से बाहर कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि किसानों को इससे काफी फायदा होगा।
आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव को लेकर काफी वर्षों से प्रयास हो रहा था. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने इसमें बदलाव की जो बात की है, उसमें कहा यह जा रहा है कि इससे किसानों को बहुत फायदा होगा.' इस बदलाव के तहत अनाज, तेल, प्याज, आलू को बाहर रखा गया है.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कृषि उत्पादों की बहुतायत की वजह से बंधन वाले कानूनों की जरूरत नहीं है। आवश्यक वस्तु कानून में किसानों के हितों को देखते हुए सुधार किए गए हैं।
इसके साथ ही कैबिनेट ने फैसला किया था कि किसान अब एपीएमसी से बाहर भी अपनी उपज बेच सकेंगे। सरकार का इस फैसले के पीछे उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना है। इस फैसले से किसान अब अपनी उपज केंद्र के बजाय सीधे निर्यातक को भी बेच सकेंगे।
बता दें कि आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव की कोशिशें कई साल से चल रही थीं। सरकार कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान इसमें संशोधन लाई है। इसके तहत अनाज, तेल, प्याज और आलू आदि को इस कानून से बाहर कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि किसानों को इससे काफी फायदा होगा।
आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव को लेकर काफी वर्षों से प्रयास हो रहा था. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने इसमें बदलाव की जो बात की है, उसमें कहा यह जा रहा है कि इससे किसानों को बहुत फायदा होगा.' इस बदलाव के तहत अनाज, तेल, प्याज, आलू को बाहर रखा गया है.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कृषि उत्पादों की बहुतायत की वजह से बंधन वाले कानूनों की जरूरत नहीं है। आवश्यक वस्तु कानून में किसानों के हितों को देखते हुए सुधार किए गए हैं।
इसके साथ ही कैबिनेट ने फैसला किया था कि किसान अब एपीएमसी से बाहर भी अपनी उपज बेच सकेंगे। सरकार का इस फैसले के पीछे उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करना है। इस फैसले से किसान अब अपनी उपज केंद्र के बजाय सीधे निर्यातक को भी बेच सकेंगे।
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