
नई दिल्ली। सरकार के अंदर इस बात को लेकर सहमति बन गई है कि फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने मार्केटप्लेस पर मौजूद उत्पादों के स्रोत देश का जिक्र करना होगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाले डीपीआईआईटी ने ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा है कि उनके प्लेटफार्म पर उपलब्ध उत्पादों के बारे में जानकारी मुहैया कराना अनिवार्य होगा कि वे कहां से आए हैं या कहा से बने हुए हैं, या उनका स्रोत देश कौन-सा है। डीपीआईआईटी ने आज इस मुद्दे पर ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ एक बैठक की।
सूत्रों के अनुसार, डीपीआईआईटी ने इसकी शुरुआत करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक अगस्त की समय सीमा का सुझाव दिया है।
यानी एक अगस्त से ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर जो भी उत्पाद बेचे या सूचीबद्ध किए जाएंगे, उनके स्रोत देश के बारे में जानकारी देनी होगी।
हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों ने सरकार से इसके क्रियान्वयन के लिए थोड़ा और समय मांगा है।
सूत्रों के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियों ने सरकार के कदम को स्वीकार करने की बात की, लेकिन इसे लागू करने के लिए थोड़ी मोहलत मांगी है।
यह कदम ऐसे समय में सामने आया है, जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद से देश में चीनी सामानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। (आईएएनएस)
सूत्रों के अनुसार, डीपीआईआईटी ने इसकी शुरुआत करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए एक अगस्त की समय सीमा का सुझाव दिया है।
यानी एक अगस्त से ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर जो भी उत्पाद बेचे या सूचीबद्ध किए जाएंगे, उनके स्रोत देश के बारे में जानकारी देनी होगी।
हालांकि ई-कॉमर्स कंपनियों ने सरकार से इसके क्रियान्वयन के लिए थोड़ा और समय मांगा है।
सूत्रों के अनुसार, ई-कॉमर्स कंपनियों ने सरकार के कदम को स्वीकार करने की बात की, लेकिन इसे लागू करने के लिए थोड़ी मोहलत मांगी है।
यह कदम ऐसे समय में सामने आया है, जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद से देश में चीनी सामानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। (आईएएनएस)
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