
नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 21 साल पहले कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना और घुसपैठियों से लड़ने वाले सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों को याद किया। रक्षा मंत्री ने कारगिल के विजय दिवस के अवसर पर नेशनल वार मेमोरियल पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए माल्यार्पण किया। भारत में 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस अवसर पर देश ने अपने बहादुर सैनिकों को याद किया, जिन्होंने राष्ट्र की अखंडता को बनाए रखने और उनकी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा, "कारगिल विजय की 21वीं वर्षगांठ पर मैं उन भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों को सलाम करना चाहता हूं, जिन्होंने हालिया इतिहास में दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दुश्मन का मुकाबला किया।"
यह दिवस ऑपरेशन विजय की सफलता के लिए मनाया जाता है। सशस्त्र बलों द्वारा साल 1999 में कारगिल- द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जे में लिए गए भारतीय क्षेत्रों पर वियज प्राप्त करने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन विजय रखा गया था।
मंत्री ने उन जवानों का आभार जताया, "जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने जीवन की आहुति दे दी। साथ ही रक्षामंत्री ने उनके परिजनों को भी नमन किया, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोने के बावजूद, भारतीय क्षेत्र से दुश्मनों को बाहर निकालने के राष्ट्रीय संकल्प के साथ अडिग खड़े रहे।"
राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं उन लोगों का भी आभारी हूं, जो युद्ध में अक्षम होने के बावजूद, अपने तरीके से देश की सेवा करते रहे और राष्ट्र के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनते रहे।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे सशस्त्र बलों के अटूट साहस और देशभक्ति ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत सुरक्षित है।" (आईएएनएस)
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा, "कारगिल विजय की 21वीं वर्षगांठ पर मैं उन भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों को सलाम करना चाहता हूं, जिन्होंने हालिया इतिहास में दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दुश्मन का मुकाबला किया।"
यह दिवस ऑपरेशन विजय की सफलता के लिए मनाया जाता है। सशस्त्र बलों द्वारा साल 1999 में कारगिल- द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जे में लिए गए भारतीय क्षेत्रों पर वियज प्राप्त करने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन विजय रखा गया था।
मंत्री ने उन जवानों का आभार जताया, "जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने जीवन की आहुति दे दी। साथ ही रक्षामंत्री ने उनके परिजनों को भी नमन किया, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोने के बावजूद, भारतीय क्षेत्र से दुश्मनों को बाहर निकालने के राष्ट्रीय संकल्प के साथ अडिग खड़े रहे।"
राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं उन लोगों का भी आभारी हूं, जो युद्ध में अक्षम होने के बावजूद, अपने तरीके से देश की सेवा करते रहे और राष्ट्र के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनते रहे।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे सशस्त्र बलों के अटूट साहस और देशभक्ति ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत सुरक्षित है।" (आईएएनएस)
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