
ग्वालियर/भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ समय बाद होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए तैयारी की कमान कांग्रेस की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को सौंपे जाने की उठ रही मांग के बीच पूर्व जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उनका कहना है कि "अभी तो उपचुनाव जीतना है, पटवारी, तहसीलदार और कलेक्टर की बात बाद में होगी।" पूर्व मंत्री शर्मा यहां दौरे पर आए थे और पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। जब उनसे पूर्व मंत्री व पार्टी की प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को उपचुनाव की कमान सौंपने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे नारों को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था, "पहले उपचुनाव जीतकर कमल नाथ के नेतृत्व में फिर से सरकार बनानी है। पटवारी, तहसीलदार व कलेक्टर की बात बाद में होगी।"
इतना ही नहीं, शर्मा का कहना है कि यह चुनाव 'टिकाऊ और बिकाऊ के बीच' होने वाला है। प्रदेश की जनता बिकाऊ लोगों को सबक सिखाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कैबिनेट की वर्चुअल बैठक लिए जाने पर भी शर्मा ने तंज कसा और कहा कि उनके पास एक भी वरिष्ठ मंत्री ऐसा हीं है जो कैबिनेट की बैठक ले सके, इसलिए वर्चुअल बैठक हुई।
इन दिनों राज्य में कांग्रेस के भीतर युवा नेतृत्व को लेकर बहस छिड़ी हुई है। नारे उछाले जा रहे हैं- 'सबको देखा बारी-बारी, अबकी बार जीतू पटवारी' और 'न राजा, न व्यापारी, अबकी बार जीतू पटवारी।' हालांकि पूर्व मंत्री पटवारी ने एक बार फिर इसे भाजपा प्रायोजित मुहिम करार दिया है।
--आईएएनएस
इतना ही नहीं, शर्मा का कहना है कि यह चुनाव 'टिकाऊ और बिकाऊ के बीच' होने वाला है। प्रदेश की जनता बिकाऊ लोगों को सबक सिखाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कैबिनेट की वर्चुअल बैठक लिए जाने पर भी शर्मा ने तंज कसा और कहा कि उनके पास एक भी वरिष्ठ मंत्री ऐसा हीं है जो कैबिनेट की बैठक ले सके, इसलिए वर्चुअल बैठक हुई।
इन दिनों राज्य में कांग्रेस के भीतर युवा नेतृत्व को लेकर बहस छिड़ी हुई है। नारे उछाले जा रहे हैं- 'सबको देखा बारी-बारी, अबकी बार जीतू पटवारी' और 'न राजा, न व्यापारी, अबकी बार जीतू पटवारी।' हालांकि पूर्व मंत्री पटवारी ने एक बार फिर इसे भाजपा प्रायोजित मुहिम करार दिया है।
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