
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए नए प्रस्ताव देने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने का समय मांगा है। वहीं मुख्यमंत्री आज मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है।
बता दें कि शुक्रवार को रात लगभग सवा 10 बजे जयपुर में सीएम आवास पर राजस्थान कैबिनेट की मीटिंग शुरू हुई। रात साढ़े बारह बजे तक चले इस कैबिनेट मीटिंग का एक ही एजेंडा था कि सरकार को कैसे बचाया जाए।
सीएम अशोक गहलोत सोमवार से विधानसभा का सत्र चाहते हैं,लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र थोड़ा वक्त मांग रहे हैं। गहलोत ने कहा कि मिश्र एक संवैधानिक पद रखते हैं और इसलिए उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर निर्णय लेना चाहिए।
गोर तलब है की राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में कांग्रेसी विधायकों के धरना-प्रदर्शन से नाराज होते हुए सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के जरिये राजभवन में सुरक्षा व्यवस्था में कमी को लेकर नाराजगी जाहिर की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि अगर राज्य की पुलिस राजभवन की सुरक्षा नहीं दे सकती है, तो क्या किसी अन्य एजेंसी से उन्हें सुरक्षा लेनी होगी। साथ ही राज्यपाल ने कहा है कि कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है । उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा दिनांक 23 जुलाई, 2020 को रात में विधानसभा के सत्र को अत्यन्त ही अल्प नोटिस के साथ आहूत किये जाने की पत्रावली पेश की गई । पत्रावली में गुण दोषों के आधार पर राजभवन द्वारा परीक्षण किया गया तथा विधि विशेषज्ञों द्वारा परामर्श प्राप्त किया गया ।
बता दें कि शुक्रवार को रात लगभग सवा 10 बजे जयपुर में सीएम आवास पर राजस्थान कैबिनेट की मीटिंग शुरू हुई। रात साढ़े बारह बजे तक चले इस कैबिनेट मीटिंग का एक ही एजेंडा था कि सरकार को कैसे बचाया जाए।
सीएम अशोक गहलोत सोमवार से विधानसभा का सत्र चाहते हैं,लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र थोड़ा वक्त मांग रहे हैं। गहलोत ने कहा कि मिश्र एक संवैधानिक पद रखते हैं और इसलिए उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर निर्णय लेना चाहिए।
गोर तलब है की राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में कांग्रेसी विधायकों के धरना-प्रदर्शन से नाराज होते हुए सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के जरिये राजभवन में सुरक्षा व्यवस्था में कमी को लेकर नाराजगी जाहिर की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि अगर राज्य की पुलिस राजभवन की सुरक्षा नहीं दे सकती है, तो क्या किसी अन्य एजेंसी से उन्हें सुरक्षा लेनी होगी। साथ ही राज्यपाल ने कहा है कि कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है । उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा दिनांक 23 जुलाई, 2020 को रात में विधानसभा के सत्र को अत्यन्त ही अल्प नोटिस के साथ आहूत किये जाने की पत्रावली पेश की गई । पत्रावली में गुण दोषों के आधार पर राजभवन द्वारा परीक्षण किया गया तथा विधि विशेषज्ञों द्वारा परामर्श प्राप्त किया गया ।
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