
जयपुर । सचिन पायलट खेमे को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिलने के एक दिन बाद विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने बुधवार को कहा कि वह राज्य में संवैधानिक संकट को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और विशेष अनुमति याचिका दायर करेंगे। अब स्पीकर सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर कर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। इससे पहले डॉ. जोशी ने जयपुर में शीर्ष आदलत का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी।
जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, (विधानसभा) अध्यक्ष के पास विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार है। अध्यक्ष के निर्णय में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन्हें पायलट खेमे के बागी विधायकों के खिलाफ शुक्रवार तक कार्रवाई टालने के लिए कहा था। गौरतलब है कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने पायलट को 14 जुलाई को पीसीसी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री के रूप में बर्खास्त कर दिया था।
अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट खेमे के विधायक कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों से अनुपस्थित रहे थे, जिसके कारण जोशी ने उन्हें अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस दिया था। जोशी ने कहा कि वह इस आधार पर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देंगे कि जब अध्यक्ष ने कोई आदेश पारित नहीं किया तो एक याचिका को प्रक्रियात्मक स्तर पर क्यों दर्ज किया गया, जबकि विधायकों को सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
उन्होंने कहा, कोर्ट ने अबतक जो भी फैसला दिया है, मैंने उसका सम्मान किया है। लेकिन, सम्मान और स्वीकृति का क्या यह मतलब है कि एक अथॉरिटी दूसरे की भूमिका को ओवरलैप कर लें? कांग्रेस ने बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के यहां शिकायत की थी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था और उस नोटिस को पायलट खेमे ने हाईकोर्ट में पिछले गुरुवार को चुनौती दी थी।
जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, (विधानसभा) अध्यक्ष के पास विधायकों को अयोग्य ठहराने का अधिकार है। अध्यक्ष के निर्णय में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन्हें पायलट खेमे के बागी विधायकों के खिलाफ शुक्रवार तक कार्रवाई टालने के लिए कहा था। गौरतलब है कि कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने पायलट को 14 जुलाई को पीसीसी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री के रूप में बर्खास्त कर दिया था।
अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट खेमे के विधायक कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों से अनुपस्थित रहे थे, जिसके कारण जोशी ने उन्हें अयोग्य ठहराए जाने का नोटिस दिया था। जोशी ने कहा कि वह इस आधार पर हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देंगे कि जब अध्यक्ष ने कोई आदेश पारित नहीं किया तो एक याचिका को प्रक्रियात्मक स्तर पर क्यों दर्ज किया गया, जबकि विधायकों को सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
उन्होंने कहा, कोर्ट ने अबतक जो भी फैसला दिया है, मैंने उसका सम्मान किया है। लेकिन, सम्मान और स्वीकृति का क्या यह मतलब है कि एक अथॉरिटी दूसरे की भूमिका को ओवरलैप कर लें? कांग्रेस ने बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के यहां शिकायत की थी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था और उस नोटिस को पायलट खेमे ने हाईकोर्ट में पिछले गुरुवार को चुनौती दी थी।
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