आगरा में बदमाशों से जब्त किए गए हथियारों को पुलिस ने नेष्ट कराकर गडढे में जमींदोज कर दिया, जाने क्या होती है प्रक्रिया।
बदमाश पकडे जाने पर उनसे जब्त किए गए हथियारों को मालखाने में रख दिया जाता है, सालों से हथियार माल खाने में रखे हुए थे, आगरा में कलक्ट्रेट, दीवानी और पुलिस लाइन में मालखाने हैं। ऐसे में एसएसपी बबलू कुमार की पहल पर इन तीनों मालखानों में वर्ष 1991 से 2002 तक के 2379 मुकदमों से संबंधित 2891 अवैध तमंचे, बंदूक, देसी रायफल, रिवॉल्वर और चाकू थे, सीजीएम कोर्ट ने आठ जुलाई को इन हथियारों को नष्ट करने के आदेश जारी किए थे।
इस तरह नष्ट किए गए हथियार
सोमवार सुबह कलक्ट्रेट स्थित सदर मालखाना शहर के सामने रोड पर बंदूक, रायफल और तमंचे डाल लिए गए। पांच किग्रा. के लोहे के बाट पर असलाहों को रखकर हथौड़ों और घन से उन्हें तोड़ा गया। हथियारों के के पुर्जे-पुर्जे अलग कर दिए गए। इसके बाद पांच बजे जेसीबी मंगाकर खाली जगह में 10 फीट गहरा गड्ढा खुदवाया गया। गड्ढे में सभी असलाहों के पुर्जे डालकर मिट्टी से दबा दिए। कारतूसों का बारूद निकालकर उसे पानी से भरे ड्रम में डाला गया। खोखे अलग रखे गए। इनको भी गड्ढे में दबाया गया।
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बदमाश पकडे जाने पर उनसे जब्त किए गए हथियारों को मालखाने में रख दिया जाता है, सालों से हथियार माल खाने में रखे हुए थे, आगरा में कलक्ट्रेट, दीवानी और पुलिस लाइन में मालखाने हैं। ऐसे में एसएसपी बबलू कुमार की पहल पर इन तीनों मालखानों में वर्ष 1991 से 2002 तक के 2379 मुकदमों से संबंधित 2891 अवैध तमंचे, बंदूक, देसी रायफल, रिवॉल्वर और चाकू थे, सीजीएम कोर्ट ने आठ जुलाई को इन हथियारों को नष्ट करने के आदेश जारी किए थे।
इस तरह नष्ट किए गए हथियार
सोमवार सुबह कलक्ट्रेट स्थित सदर मालखाना शहर के सामने रोड पर बंदूक, रायफल और तमंचे डाल लिए गए। पांच किग्रा. के लोहे के बाट पर असलाहों को रखकर हथौड़ों और घन से उन्हें तोड़ा गया। हथियारों के के पुर्जे-पुर्जे अलग कर दिए गए। इसके बाद पांच बजे जेसीबी मंगाकर खाली जगह में 10 फीट गहरा गड्ढा खुदवाया गया। गड्ढे में सभी असलाहों के पुर्जे डालकर मिट्टी से दबा दिए। कारतूसों का बारूद निकालकर उसे पानी से भरे ड्रम में डाला गया। खोखे अलग रखे गए। इनको भी गड्ढे में दबाया गया।
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