
नई दिल्ली । पूर्व राज्यपाल ओ. पी. कोहली ने रविवार को कहा कि नई शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहायक सिद्ध होगी। साथ ही 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए ग्लोबल सिटीजन के निर्माण में भी यह नीति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । उन्होंने नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 'उच्च शिक्षा तब और अब' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार के समापन सत्र पर यह बात कही।
उन्होंने कहा, "नई नीति, शिक्षा की जड़ता को खत्म कर छात्रों को अपनी जड़ों और बाकी विश्व से जोड़ने का काम करेगी। यह नीति 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जिसमें सभी हितधारकों का ध्यान रखा गया है। यह शिक्षा नीति शिक्षा के दायरे से बाहर लोगों को भी जोड़ने का काम करेगी।"
उन्होंने कहा, "नई शिक्षा नीति में शोध एक महत्वपूर्ण आयाम है। यह नीति शोध को विकास से जोड़कर देश में एक शोध संस्कृति को स्थापित करने काम करती है। कौशल विकास को नई शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है जिसके कारण यह रोजगार की मांग करने वालों की बजाय रोजगार देने वाले नागरिक बनाने पर जोर देती है।"
शिक्षा को संचालित करने वाले नियामकों के संदर्भ में कोहली ने कहा, "इनमें अकाद्मिक जगत से जुड़े लोगों को ज्यादा स्थान मिलना चाहिए। नई शिक्षा नीति में तकनीक के प्रयोग की बात की गई है। तकनीक आधारित शिक्षण भारत जैसे देश में एक बड़ी चुनौती है जिस पर काम करने की जरूरत है। शिक्षा एक समवर्ती विषय है अत केंद्र और राज्यों के सहयोग और सहमति और सम्पूरक्ता से ही नई शिक्षा नीति को लागू किया जा सकता है।"
उच्च शिक्षा और स्वायत्तता के सवालों पर अपने व्याख्यान में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष डॉ. ए. के. भागी ने कहा, "प्रशासनिक और अकाद्मिक स्वायत्तता से किसी को परहेज नहीं होना चाहिए। जहां तक वित्तीय स्वायत्तता का प्रश्न है तो आज के संदर्भ में सरकार को सार्वजनिक शिक्षा की वितीय फंडिंग से हाथ खींचने से बचना चाहिए।"
इंडियन यूनिवर्सिटी एसोसिएशन की जनरल सेक्रेटरी पंकज मित्तल ने अपने व्याख्यान में कहा, "नई शिक्षा नीति विद्यार्थी केंद्रित हैं। यह विद्यार्थियों को अपनी पसंद के सब्जेक्ट पढ़ने की आजादी देती है। इस नीति में शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों के कौशल के साथ-साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।"
हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने अपने कहा, "देश में पहली बार प्राथमिक शिक्षा को इस नीति के माध्यम से महत्वपूर्ण बनाया गया है। शिक्षा नीति में कौशल विकास और रोजगारपरकता पर जोर है। मूल्य आधारित होने के कारण एक अच्छे नागरिक के निर्माण में नई शिक्षा नीति की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।"
--आईएएनएस
भारत मीडिया के संचालन व् इस साहसी पत्रकारिता को आर्थिक रूप से सपोर्ट करें, ताकि हम स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता करते रहें .
उन्होंने कहा, "नई नीति, शिक्षा की जड़ता को खत्म कर छात्रों को अपनी जड़ों और बाकी विश्व से जोड़ने का काम करेगी। यह नीति 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है जिसमें सभी हितधारकों का ध्यान रखा गया है। यह शिक्षा नीति शिक्षा के दायरे से बाहर लोगों को भी जोड़ने का काम करेगी।"
उन्होंने कहा, "नई शिक्षा नीति में शोध एक महत्वपूर्ण आयाम है। यह नीति शोध को विकास से जोड़कर देश में एक शोध संस्कृति को स्थापित करने काम करती है। कौशल विकास को नई शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है जिसके कारण यह रोजगार की मांग करने वालों की बजाय रोजगार देने वाले नागरिक बनाने पर जोर देती है।"
शिक्षा को संचालित करने वाले नियामकों के संदर्भ में कोहली ने कहा, "इनमें अकाद्मिक जगत से जुड़े लोगों को ज्यादा स्थान मिलना चाहिए। नई शिक्षा नीति में तकनीक के प्रयोग की बात की गई है। तकनीक आधारित शिक्षण भारत जैसे देश में एक बड़ी चुनौती है जिस पर काम करने की जरूरत है। शिक्षा एक समवर्ती विषय है अत केंद्र और राज्यों के सहयोग और सहमति और सम्पूरक्ता से ही नई शिक्षा नीति को लागू किया जा सकता है।"
उच्च शिक्षा और स्वायत्तता के सवालों पर अपने व्याख्यान में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष डॉ. ए. के. भागी ने कहा, "प्रशासनिक और अकाद्मिक स्वायत्तता से किसी को परहेज नहीं होना चाहिए। जहां तक वित्तीय स्वायत्तता का प्रश्न है तो आज के संदर्भ में सरकार को सार्वजनिक शिक्षा की वितीय फंडिंग से हाथ खींचने से बचना चाहिए।"
इंडियन यूनिवर्सिटी एसोसिएशन की जनरल सेक्रेटरी पंकज मित्तल ने अपने व्याख्यान में कहा, "नई शिक्षा नीति विद्यार्थी केंद्रित हैं। यह विद्यार्थियों को अपनी पसंद के सब्जेक्ट पढ़ने की आजादी देती है। इस नीति में शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों के कौशल के साथ-साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।"
हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने अपने कहा, "देश में पहली बार प्राथमिक शिक्षा को इस नीति के माध्यम से महत्वपूर्ण बनाया गया है। शिक्षा नीति में कौशल विकास और रोजगारपरकता पर जोर है। मूल्य आधारित होने के कारण एक अच्छे नागरिक के निर्माण में नई शिक्षा नीति की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।"
--आईएएनएस
भारत मीडिया के संचालन व् इस साहसी पत्रकारिता को आर्थिक रूप से सपोर्ट करें, ताकि हम स्वतंत्र व निष्पक्ष पत्रकारिता करते रहें .
👉 अगर आप सहयोग करने को इच्छुक हैं तो भारत मीडिया द्वारा दिए इस लिंक पर क्लिक करें -------
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.