
जयपुर । राजस्थान में गहलोत सरकार पर भले ही राजनीतिक संकट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद टल गया हो। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बागी सचिन पायलट और बागी अन्य कांग्रेसी विधायक अब अपने-अपने क्षेत्र में आम जनता के सामने किस आधार पर जायेंगे।
आखिर यह बागी कांग्रेसी विधायक अपने क्षेत्र के मतदाताओं को क्या कहेंगे। आखिर एक महीने की नाराजगी के बाद इन बागी कांग्रेसी विधायकों को क्या मिला। सत्ता, पद की लालसा वाले यह बागी कांग्रेसी पहले ही खुद के बिकने के आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से झेल रहे है। अब क्षेत्र की जनता और प्रदेश की जनता के सामने क्या सफाई देंगे, यह बड़ा सवाल है।
हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करने का ऐलान कर दिया है, जो नाराज कांग्रेसी विधायकों की समस्याओं को दूर करेगी। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि सचिन पायलट की वापसी राजस्थान की राजनीति में कैसे होगी। यह माना जा रहा है कि पायलट गुट के कांग्रेसी विधायकों को अच्छे पद दिये जा सकते है। साथ ही सत्ता और संगठन में बड़ा फेरबदल हो सकता है।
फिर में एक महीने तक सीएम अशोक गहलोत की तरफ से जो तल्ख तरीके के आरोप सचिन पायलट पर लगे थे, इन आरोपों पर क्या गहलोत सफाई देंगे, या पायलट इन आरोपों को भूल जायेंगे। लेकिन राजस्थान के इस राजनीतिक संकट से यहां के वह राजनेता जरूर बेनकाब हो गए, जो सत्ता, पद और खुद के हित के लिए कुछ भी कर सकते है। आम जनता और क्षेत्र की जनता के हितों से दूर इन नेताओं को सिर्फ अपनी कुर्सी, अपने हित ही प्यारे है।
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आखिर यह बागी कांग्रेसी विधायक अपने क्षेत्र के मतदाताओं को क्या कहेंगे। आखिर एक महीने की नाराजगी के बाद इन बागी कांग्रेसी विधायकों को क्या मिला। सत्ता, पद की लालसा वाले यह बागी कांग्रेसी पहले ही खुद के बिकने के आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से झेल रहे है। अब क्षेत्र की जनता और प्रदेश की जनता के सामने क्या सफाई देंगे, यह बड़ा सवाल है।
हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करने का ऐलान कर दिया है, जो नाराज कांग्रेसी विधायकों की समस्याओं को दूर करेगी। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि सचिन पायलट की वापसी राजस्थान की राजनीति में कैसे होगी। यह माना जा रहा है कि पायलट गुट के कांग्रेसी विधायकों को अच्छे पद दिये जा सकते है। साथ ही सत्ता और संगठन में बड़ा फेरबदल हो सकता है।
फिर में एक महीने तक सीएम अशोक गहलोत की तरफ से जो तल्ख तरीके के आरोप सचिन पायलट पर लगे थे, इन आरोपों पर क्या गहलोत सफाई देंगे, या पायलट इन आरोपों को भूल जायेंगे। लेकिन राजस्थान के इस राजनीतिक संकट से यहां के वह राजनेता जरूर बेनकाब हो गए, जो सत्ता, पद और खुद के हित के लिए कुछ भी कर सकते है। आम जनता और क्षेत्र की जनता के हितों से दूर इन नेताओं को सिर्फ अपनी कुर्सी, अपने हित ही प्यारे है।
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