
चंडीगढ़ । भारत सरकार द्वारा जारी राज्यों की नवीनतम रैंकिग के अनुसार पंजाब ने स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती केन्द्रों के संचालन में पहला दर्जा हासिल किया है। यह योजना राज्य में साल 2019 में शुरू की गई थी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ लोगों की गतिविधियों पर लगाई गईं पाबंदियों के बावजूद, पिछले पाँच महीनों में राज्य भर के स्वास्थ्य केन्द्रों में 28.1 लाख मरीज़ पहुँचे। इन केन्द्रों में ओपीडी सेवाएं, आरसीएच सेवाएं, संक्रमण और ग़ैर-संक्रमण रोगों की रोकथाम और इलाज सम्बन्धी क्लिनीकल सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। यह सेवाएं स्वास्थ्य केन्द्रों में कम्युनिटी हैल्थ अफ़सर (सीएचओ) समेत मल्टी-पर्पज़ कर्मचारी (पुरुष और महिला) और आशावर्कर द्वारा दी जाती हैं। इन केन्द्रों में मुफ़्त 27 ज़रूरी दवाएँ और 6 डायग्नोस्टिक सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।स. सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व अधीन पंजाब जल्द ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को और मज़बूत करने के लिए लोक-समर्थकीय पहल की है। उन्होंने कहा कि इस समय राज्य भर में 2042 स्वास्थ्य केंद्र कार्यशील हैं। इन केन्द्रों में कुल 1600 कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और इस साल के अंत तक ब्रिज कोर्स के मुकम्मल होने के बाद 823 और उम्मीदवार कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर नियुक्त किए जाएंगे। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ज़रूरी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, पिछले पाँच महीनों में 6.8 लाख मरीज़ों की हाईपरटैंशन के लिए, 4 लाख मरीज़ों की शूगर के लिए और 6 लाख मरीज़ों के मुँह, छाती या बच्चेदानी के कैंसर के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच की गई। कोविड-19 के कारण पेश आईं चुनौतियों के बावजूद स्वास्थ्य केन्द्रों में हाईपरटैंशन के तकरीबन 2.4 लाख मरीज़ों और शूगर के 1.4 लाख मरीज़ों को दवाएँ बाँटी गई हैं।स्वास्थ्य केन्द्रों की टीमों द्वारा किए जा रहे यत्नों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों के स्टाफ द्वारा कोविड-19 के संदिग्ध मरीज़ों के नमूने भी लिए जा रहे हैं। जिन व्यक्तियों को घरों में स्वै-एकांतवास में रहने के लिए कहा गया है, स्वास्थ्य केंद्र की टीमों द्वारा लक्षणों का पता लगाने और यह देखने के लिए कि लोग जारी दिशा-निर्देशों की पालना कर रहे हैं, नियमित तौर पर उनके घरों का दौरा किया जाता है। स्वास्थ्य टीमों के पास कोविड पॉजि़टिव मरीज़ों के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का जिम्मा भी है।स्वास्थ्य केंद्र के स्टेट प्रोग्राम अफ़सर डॉ. अरीत कौर ने बताया कि मार्च, 2020 से स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती केन्द्रों में टैलीमेडिसन सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। सैक्टर-11, चंडीगढ़ में 4 मैडीकल अफ़सरों वाला एक टैलीमेडीसन हब्ब स्थापित किया गया है। इस पहल के अंतर्गत, स्वास्थ्य केंद्र, सब-सैंटर स्तर पर कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी, वीडियो कॉलिंग के द्वारा हब्ब पर मैडीकल अधिकारियों से संपर्क करते हैं। हब्ब का मैडीकल अफ़सर मरीज़ की वर्चुअल प्लेटफॉर्म के द्वारा जांच करता है और लक्षणों के अनुसार दवाओं की सलाह देता है। कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी फिर ई-संजीवनी द्वारा प्राप्त किए गए नुस्ख़ों के आधार पर मरीज़ों को दवाएँ भेजता है। अब तक लगभग 5000 टैलीकंसलटेशन्स की गई हैं।
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ लोगों की गतिविधियों पर लगाई गईं पाबंदियों के बावजूद, पिछले पाँच महीनों में राज्य भर के स्वास्थ्य केन्द्रों में 28.1 लाख मरीज़ पहुँचे। इन केन्द्रों में ओपीडी सेवाएं, आरसीएच सेवाएं, संक्रमण और ग़ैर-संक्रमण रोगों की रोकथाम और इलाज सम्बन्धी क्लिनीकल सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। यह सेवाएं स्वास्थ्य केन्द्रों में कम्युनिटी हैल्थ अफ़सर (सीएचओ) समेत मल्टी-पर्पज़ कर्मचारी (पुरुष और महिला) और आशावर्कर द्वारा दी जाती हैं। इन केन्द्रों में मुफ़्त 27 ज़रूरी दवाएँ और 6 डायग्नोस्टिक सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।स. सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व अधीन पंजाब जल्द ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को और मज़बूत करने के लिए लोक-समर्थकीय पहल की है। उन्होंने कहा कि इस समय राज्य भर में 2042 स्वास्थ्य केंद्र कार्यशील हैं। इन केन्द्रों में कुल 1600 कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और इस साल के अंत तक ब्रिज कोर्स के मुकम्मल होने के बाद 823 और उम्मीदवार कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर नियुक्त किए जाएंगे। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ज़रूरी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, पिछले पाँच महीनों में 6.8 लाख मरीज़ों की हाईपरटैंशन के लिए, 4 लाख मरीज़ों की शूगर के लिए और 6 लाख मरीज़ों के मुँह, छाती या बच्चेदानी के कैंसर के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच की गई। कोविड-19 के कारण पेश आईं चुनौतियों के बावजूद स्वास्थ्य केन्द्रों में हाईपरटैंशन के तकरीबन 2.4 लाख मरीज़ों और शूगर के 1.4 लाख मरीज़ों को दवाएँ बाँटी गई हैं।स्वास्थ्य केन्द्रों की टीमों द्वारा किए जा रहे यत्नों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों के स्टाफ द्वारा कोविड-19 के संदिग्ध मरीज़ों के नमूने भी लिए जा रहे हैं। जिन व्यक्तियों को घरों में स्वै-एकांतवास में रहने के लिए कहा गया है, स्वास्थ्य केंद्र की टीमों द्वारा लक्षणों का पता लगाने और यह देखने के लिए कि लोग जारी दिशा-निर्देशों की पालना कर रहे हैं, नियमित तौर पर उनके घरों का दौरा किया जाता है। स्वास्थ्य टीमों के पास कोविड पॉजि़टिव मरीज़ों के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का जिम्मा भी है।स्वास्थ्य केंद्र के स्टेट प्रोग्राम अफ़सर डॉ. अरीत कौर ने बताया कि मार्च, 2020 से स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती केन्द्रों में टैलीमेडिसन सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। सैक्टर-11, चंडीगढ़ में 4 मैडीकल अफ़सरों वाला एक टैलीमेडीसन हब्ब स्थापित किया गया है। इस पहल के अंतर्गत, स्वास्थ्य केंद्र, सब-सैंटर स्तर पर कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी, वीडियो कॉलिंग के द्वारा हब्ब पर मैडीकल अधिकारियों से संपर्क करते हैं। हब्ब का मैडीकल अफ़सर मरीज़ की वर्चुअल प्लेटफॉर्म के द्वारा जांच करता है और लक्षणों के अनुसार दवाओं की सलाह देता है। कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी फिर ई-संजीवनी द्वारा प्राप्त किए गए नुस्ख़ों के आधार पर मरीज़ों को दवाएँ भेजता है। अब तक लगभग 5000 टैलीकंसलटेशन्स की गई हैं।
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