नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बीते मानसून सत्र में पास किए गए तीन कृषि बिलों के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने अब पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है. बादल ने कहा है कि चाहे भारत चीन विवाद (India China faceoff ) हो या फिर सिटिजशनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) या फिर हालिया किसान बिल, उनके दल को विश्वास में नहीं लिया गया है. हालांकि उन्होंने यह कहते हुए कि, 'मैं इन सबमें नहीं जाना चाहता. हमारे अभी भी उनके साथ व्यक्तिगत संबंध हैं. पीएम ने कुछ बहुत अच्छे फैसले भी लिए' इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि 'क्या बीजेपी का रुख अहंकारी हो गया है?'
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बादल ने कहा, 'विभिन्न क्षेत्रों में देश के सफलता की अलग-अलग आवाज़ें सुनाई देती रही हैं और इस पूरे सिस्टम में क्षेत्रीय ताकतों का होना बहुत जरूरी है. जिस मिनट आप सब पर हावी होने लगते हैं, आप चीजों को ढहते हुए देखते हैं… हमने इस गठबंधन को बचाने के लिए (अंत तक) कोशिश की.'
जब BJP के दो सांसद तब से हम उनके साथ...
बादल ने कहा कि SAD ने भाजपा का समर्थन तब भी किया जब उसके लोकसभा में सिर्फ दो सांसद थे. कहा कि 'मेरे पिता का भाजपा के हर नेतृत्व के साथ बहुत अच्छा रिश्ता था. यहां तक कि मेरे बहुत अच्छे संबंध थे और अभी भी मेरे व्यक्तिगत संबंध हैं. लेकिन, हाँ एक बदलाव आया है. हमारे मामले में, हमसे कभी भी किसान बिल पर सलाह नहीं ली गई थी.'
बादल ने कहा कि एनडीए ने सत्ता में आने के 6 साल बाद कोई बैठक की हो. कहा कि 'मुझे याद नहीं है कि उन्हें अकाली दल के नेतृत्व, शिवसेना नेतृत्व (जो पहले ही एनडीए से अलग हो चुका है) को बुलाया. इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. गठबंधन को आगे कैसे ले जाना है, हमारे पास क्या मुद्दे हैं, हम उन्हें कैसे सुलझाते हैं ... यहां तक कि जब सीएए पास किया गया था और अनुच्छेद 370 पर निर्णय लिया गया था, हम इसमें शामिल नहीं थे.
भविष्य में नहीं करेंगे गठबंधन- बादल
यह पूछे जाने पर कि क्या शिअद भविष्य में भाजपा के साथ गठबंधन कर सकती है, बादल ने स्पष्ट रूप से कहा, 'नहीं'. उन्होंने कहा 'पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए शिअद-बीजेपी गठबंधन की जरूरत थी. हमने महसूस किया कि कांग्रेस ने इस देश को बर्बाद कर दिया है. आपातकाल से लेकर अन्य क्षेत्रों में, स्वर्ण मंदिर पर हमला, जो कुछ भी पंजाब में हुआ , वे हमारे लिए समस्याओं का मूल कारण थे. इसलिए हमने गठबंधन बनाया. मेरे पिता को अब तक का सबसे उदार सिख नेता माना जाता है और हमने हमेशा सद्भाव के लिए लड़ाई लड़ी है और इसलिए सद्भाव का नारा दिया गया था. पंजाब में शिअद-भाजपा ने बहुत अच्छा काम किया है.'
नए कृषि कानूनों के बारे में बोलते हुए, बादल ने कहा, 'ये अकेले किसानों से संबंधित नहीं हैं। किसान अढ़तिया से जुड़ा है, जो अपने परिवार का एक हिस्सा है, और खेत के मजदूर और अन्य कर्मचारियों, यहां तक कि दुकानदारों पर भी इसका असर होगा. पंजाब में हर इंच जमीन कृषि पर आधारित है. स्वतंत्रता के बाद से हमने सबसे अच्छी बुनियादी सुविधाएं विकसित की हैं.'
'दूसरे राज्यों के बारे में नहीं पता लेकिन हमारे लिए नुकसान हैं कृषि कानून'
कृषि कानूनों को 'लोकलुभावन' कहते हुए, बादल ने कहा, "वे कुछ अन्य राज्यों के लिए अच्छे हो सकते हैं, मुझे नहीं पता. वे हमारे राज्य के लिए अच्छे नहीं हैं. और यदि आप इसे देखते हैं, तो उत्तर प्रदेश, बिहार को ध्यान में रखते हुए अधिकांश कानून बनाए जाते हैं, जहाँ से सांसदों का एक अधिकतम हिस्सा आता है. क्या नागालैंड के लिए कभी कोई कानून बनाया गया है? नॉर्थ ईस्ट के लिए? पंजाब में केवल 13 सांसद हैं.'
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